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कविता

प्रेरणा

पंकज चतुर्वेदी


एकपत्नीव्रत की प्रेरणा
राम को
अपने पिता से
मिली होगी

न तीन रानियाँ होतीं
न सपत्नी-डाह से
पैदा हुआ
स्त्री-हठ
न वनवास
न पिता का वह
असमय चले जाना


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